हमारे बारे में

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छत्तीसगढ़ प्रदेश कुर्मी क्षत्रिय समाज का गठन वर्ष 2006 में किया गया। छ.ग. राज्य के प्रथम स्वप्नदृष्टा परम श्रद्धेय डाॅ. खूबचंद बघेल जी समस्त फिरकों को एक सूत्र में बाॅधकर कुर्मी समाज के उत्तरोत्तर आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक  hविकास के पक्षधर थे। उनके इस दूरदर्शी स्वप्न को साकार करके प्रदेश संगठन द्वारा 22 फरवरी 2008 को सप्रे शाला मैदान में एक विराट रैली एवं सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में प्रदेश भर के कोने-कोने से एकत्रित कुर्मी स्वजातिय बंधुओं ने सामाजिक एकजुटता का स्पष्ट संदेश दिया था। प्रदेश संगठन द्वारा लाखों की संख्या में उपस्थित स्वजातिय बंधुओं के बीच नाम के पहले ’कुर्मी’ शब्द का उपयोग करने संबंधी प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया गया। उक्त आयोजन में तत्कालिन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदेव प्रसाद कन्नौजिया ने प्रदेश संगठन के इस ऐतिहासिक आयोजन से गदगद होकर प्रदेश कुर्मी समाज को अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय समाज से संबद्ध करने का ऐलान किया। इस तरह वर्ष 2008 में प्रदेश कुर्मी क्षत्रिय संगठन को अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय समाज से मान्यता मिल गई।

प्रदेश स्तरीय आयोजित कुर्मी समाज के बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार समस्त फिरकों के निर्वाचित अध्यक्ष को संगठन का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि समस्त उप जातियों में रोटी-बेटी संबंध स्थापित करने एक गौरवपूर्ण सामाजिक कार्यक्रम ष्कुर्मी संझाष् का सफल आयोजन शहीद स्मारक, रायपुर में किया गया। तदुपरांत इस कार्यक्रम को क्रमशः बिलासपुर, महासमुंद एवं दुर्ग में आयोजित किया गया। इन आयोजनों में सामाजिक पत्रिका ष्मिलनष् एवं विभिन्न क्षेत्रों में समाज के व्यक्तियों को उनके विशेष उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया है।

अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय समाज छ.ग. प्रदेश संगठन की सक्रियता को देखते हुए लगभग 28 वर्षो बाद छ.ग. को राष्ट्रीय महाधिवेशन आयोजित करने का अवसर प्रदान किया गया। इस तरह 03 एवं 04 दिसंबर 2010 को अग्रसेन भवन, भिलाई में राष्ट्रीय महाधिवेशन का ऐतिहासिक आयोजन किया गया, जिसमें सम्पूर्ण भारत के विभिन्न प्रांतों के पदाधिकारी उपस्थित थे। उक्त महाधिवेशन में प्रथम बार ष्राष्ट्रीय गौरव सम्मानष् से राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। दिनांक 05 दिसंबर 2010 को आयोजन स्थल से क्षत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी, भिलाई तक एक विशाल कुर्मी सद्भावना रैली का आयोजन किया गया। सम्पूर्ण देश के स्वजातियों के समक्ष सी.एस.आई.टी., दुर्ग में ष्कुर्मी संझाष् कार्यक्रम का रंगारंग आयोजन किया गया।

प्रदेश संगठन द्वारा जिलावार संगठन तैयार कर लिया गया है। कई जिलों में ब्लाकवार संगठन भी तैयार किया जा चुका है। निकट भविष्य में ग्राम स्तर के संगठन विस्तार प्रस्तावित है।
इस तरह प्रदेश संगठन अखिल भारतीय कूर्मी क्षत्रिय समाज के निम्नांकित उद्देश्य को क्रियान्वित करने दृढ़ संकल्पित है:-

  1. कुर्मि क्षत्रिय जाति में समाज सुधार हेतु सार्वदेशिक संगठन तथा मंच प्रदान करना,
  2. कुर्मी जाति के विभिन्न प्रदेशों की विविध शाखाओं में परस्पर रोटी-बेटी के संबंध जोड़ कर उनकी एकात्मता और एकता को सुदृढ़ करना,
  3. तिलक, दहेज इत्यादि सामाजिक कुरीतियों का निवारण कर, युवक-युवती परिचय सम्मेलन, जयमाल एवं सामूहिक विवाहों की स्वस्थ परम्परायें विकसित करना,
  4. शैक्षणिक उन्नति के लिए एवं सामुदायिक विकास हेतु शिक्षालयों, छात्रावासों, काॅलेजों, विद्यापीठों की स्थापना/निर्माण को प्रोत्साहित करना एवं संचालित करना,
  5. प्रतिभाशाली व गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता/छात्रवृत्तियों की व्यवस्था करना,
  6. कृषि तकनीकी, गृह उद्योग, वाणिज्य-व्यापार व राजनीति आदि के क्षेत्रों की व्यवहारिक शिक्षा पर बल देना व नारी शिक्षा को विशेष प्रोत्साहन देना,
  7. स्वजातीय सेवा सदनों, सेवा समितियों, सेवा शिविरों आदि के माध्यम से समाज के प्रति सेवा धर्म का निर्वाह करना,
  8. सरदार पटेल, छत्रपति शिवाजी, छत्रपति शाहू महराज जैसे स्वजातीय महापुरूषों के स्मारक निर्माण, स्वजातीय महापुरूषों की इतिहास की जानकारी देकर अथवा रचनाओं आदि के द्वारा स्वजातीय स्वाभिमान को उॅंचा उठाना,
  9. स्वजातीय पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशन से जातीय ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डालना तथा सभी प्रदेशों की गतिविधियों से समाज को अवगत कराना,
  10. कुर्मी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार नई योजनाओं को कार्यान्वित करना,
  11. स्वजाति के आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक विकास द्वारा देश की राष्ट्रीय उन्नति में योगदान करना,
  12. राज्य स्तरीय एवं भारतीय (राष्ट्रीय) स्तर की प्रशासनिक व अन्य स्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी हेतु प्रशिक्षण केन्द्र (ट्रेनिंग सेंटर) खोलना।