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छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज में तालीबानियों का राज..?

छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज में तालीबानियों का राज..?
रायपुर। ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज की सामाजिक व्यवस्था तालीबानी सरकार जैसा हो गई है जिसमें तालीबानियों का राज चल रहा है। ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि समाज के भीतर केेन्द्रीय अध्यक्ष एवं राजप्रधान पद को लेकर निर्वाचन के लिए काफी समय से खींचतान चल रही है। चुनाव को लेकर कई बार बैठकों का दौर भी चला इसके बाद भी कोई नतीजा नही निकल पाया, सिवाय कोरोना के आड़ में चुनाव स्थगन का। आपको बताते चले कि चुनाव को लेकर समाज दो पक्षों में बंटता नजर आ रहा है। एक पक्ष में केन्द्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष की टीम है तो दूसरे पक्ष में केन्द्रीय अध्यक्ष एवं राजप्रधान पद के प्रत्याशीगण शामिल है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज की आज 18 सितंबर को आपातकालीन बैठक सामाजिक संरक्षक सर्वश्री सीताराम वर्मा, मन्नूलाल परगनिहा, विपिन बिहारी वर्मा एवं राजप्रधान श्रीमती राधिका बाई, मेहतर वर्मा, दशरथ वर्मा, भुवनेश्वर वर्मा की उपस्थिति में निम्नांकित एजेंडे के माध्यम से चर्चा की गई, जिसमें असंवैधानिक निलंबन, चुनाव प्रक्रिया के संबंध में, अवैधानिक उच्चाधिकार जांच समिति, अनिवार्य चंदा एवं अन्य विषय शामिल है। समस्त 10 राज के प्रतिनिधि मंडल भी भारी संख्या में उपस्थित रहे | छत्तीसगढ़ राज्य होम राज्यों से देश विदेश खेल व्यापार मनोरंजन क्रांइम ज्योतिष हेल्थ गैलरी मैगजीन संपर्क करें JOIN US BREAKING • छत्तीसगढ़ • राज्यों से छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज में तालीबानियों का राज..? September 18, 202128 Views5 Min Read रायपुर। ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज की सामाजिक व्यवस्था तालीबानी सरकार जैसा हो गई है जिसमें तालीबानियों का राज चल रहा है। ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि समाज के भीतर केेन्द्रीय अध्यक्ष एवं राजप्रधान पद को लेकर निर्वाचन के लिए काफी समय से खींचतान चल रही है। चुनाव को लेकर कई बार बैठकों का दौर भी चला इसके बाद भी कोई नतीजा नही निकल पाया, सिवाय कोरोना के आड़ में चुनाव स्थगन का। आपको बताते चले कि चुनाव को लेकर समाज दो पक्षों में बंटता नजर आ रहा है। एक पक्ष में केन्द्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष की टीम है तो दूसरे पक्ष में केन्द्रीय अध्यक्ष एवं राजप्रधान पद के प्रत्याशीगण शामिल है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज की आज 18 सितंबर को आपातकालीन बैठक सामाजिक संरक्षक सर्वश्री सीताराम वर्मा, मन्नूलाल परगनिहा, विपिन बिहारी वर्मा एवं राजप्रधान श्रीमती राधिका बाई, मेहतर वर्मा, दशरथ वर्मा, भुवनेश्वर वर्मा की उपस्थिति में निम्नांकित एजेंडे के माध्यम से चर्चा की गई, जिसमें असंवैधानिक निलंबन, चुनाव प्रक्रिया के संबंध में, अवैधानिक उच्चाधिकार जांच समिति, अनिवार्य चंदा एवं अन्य विषय शामिल है। समस्त 10 राज के प्रतिनिधि मंडल भी भारी संख्या में उपस्थित रहे। इस दौरान समाज के केन्द्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला गया तथा निलंबन की कार्यवाही को अवैध करार दिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रत्याशी चोवाराम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज का चुनाव सबसे पहले 13 मार्च को घोषित किया गया, फिर इसे निरस्त कर 4 अप्रैल को घोषणा किया। इधर सब प्रत्याशी अपने-अपने स्तर पर तैयारी में लग गये, अचानक फिर 4 अप्रैल को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया गया। कोरोना को कारण बताते हुए कलेक्टर के हवाले से असमर्थता व्यक्त करते स्थगित कर दिया गया। मेरे विचार से समाज को कलेक्टर के पास नहीं जाना था। दो जिला के ही कलेक्टर से परमिशन लेकर बाकी 27 या 28 कलेक्टर से अनुमति नहीं लेना गलत है। या बाकी 26-28 जिला में समाज का चुनाव करा देना था। श्री वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न सामूहिक कार्यक्रम व भारत में अन्य राज्य में चुनाव होते गया, इस तरह अब चुनाव कर देना चाहिये था। संविधान की उल्लंघन करते आ रहे है। लोकतंत्र के चौथा स्तंभ का सहारा लेना पड़ा जिसके चलते केन्द्र ने पत्रवार्ता लेना हम लोगों हथकंडे अपना कर प्रताडि़ता कर रहे है। निरंतर समाज के संविधान का उल्लंघन करते आ रहे है। कार्यवाहक अध्यक्ष को कोई अधिकार नहीं, न ही किसी को निलंबित करने की, निर्वाचित राजप्रधान को निलंबन करना और गैर जिम्मेदाराना है। उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करना अब उचित नहीं है। यदि कर भी रहे है तो उनके सदस्य अयोग्य है। अनिवार्य चंदा अभी कटवाना उचित नहीं, अभी मतदाता सूची बना है, उसी से निर्वाचित करना चाहिये, फिर से मतदाता सूची तैयार करना असंवैधान के तहत है। संरक्षक का दायित्व समाज की रक्षा करना होता है। केन्द्रीय अध्यक्ष संरक्षक बनाता है तो समाज दिशाहीन है तो उसे सही दिशा प्रदान करना होता है। वहीं समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रत्याशी उमाकांत वर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि धारा 5 का उल्लंघन किया है। वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष गुमराह करे रखा है। प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर के पास जाना ही नही था, विभिन्न सामूहिक कार्य होते जा रहे है। साहू समाज का चुनाव संपन्न हुआ है। इस तरह मनवा कुर्मी समाज अवनति की ओर ले जा रहे है। भोलाराम वर्मा स्मृति भवन (कुर्मी बोर्डिंग) की चाबी तक नहीं दिया। आज सभी केन्द्रीय प्रत्याशी राजप्रधान को सूचनार्थ करते आज नरदहा भवन में यह आवश्यक बैठक हो रही है। केन्द्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष अवैध है और हमे अवैध रुप से निलंबन कर दिया है। इसी कड़ी समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रत्याशी लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि आज हमारे बीच में तीन पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष जी, वर्तमान संरक्षक जी, तीन राजप्रधान एवं विशाल प्रबुद्ध सामाजिक गणों की उपस्थिति आज के चिंतन शिविर में सबका स्वागत करते हुए प्रणाम करती हूं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक असंवैधानिक का अर्थ बता दे कि क्या है ? महामंत्री से समाज की गतिविधि पर चर्चा करते-करते चुनाव कब तक के लिए बात की तो मुझे आप लोग कुछ भी कर सकते हो कहकर बोले -मेरा मतलब समाज में आतंकवादी की तरह रवैया अपनाने की नहीं है। पर स्तरहीन बात करना उचित नहीं लगा। निलंबन अभी जो जितने सामाजिकगणों को किये है संविधान के तहत नहीं है। श्रीमती वर्मा ने कहा कि मैं अपने बात को विराम की ओर ले जाते हुए प्रबुद्धजनों, संरक्षकों, राजप्रधानों से निवेदन करते हुए कि समाज को दिशाहीन होते जा रहे है उसे बचाने के लिए अच्छे विचार के साथ कुर्मी समाज की प्रतिष्ठा को बरकरार रखें। जिसमें पाटन, दुर्ग, धमधा, रायपुर, धरसींवा, बलौदाबाजार, तिल्दा, पलारी, अर्जुनी के सामाजिक बंधु उपस्थित रहे जिसमें तोरण नायक, दुर्गा वर्मा, देवप्रसाद वर्मा, अमरनाथ वर्मा, खोडस कश्यप, धर्मेन्द्र वर्मा, सुरेश वर्मा, ठाकुरराम वर्मा, लक्ष्मीनाथ वर्मा, दिनेश वर्मा, कामता वर्मा, चोवाराम वर्मा, लक्ष्मी वर्मा, ऋषि वर्मा, बृजलाल वर्मा, नरोत्तम वर्मा, राजेन्द्र वर्मा, आरसी वर्मा, अश्वनी वर्मा, रामशरण वर्मा, यशवंत, कमल वर्मा मौजूद रहे।